सुनो...
आज तुम ख्वाबों में आये थे
सुबह के ख्वाबों में
सुना है सुबह के ख्वाब हकीकत बयां करते है
ये ख्वाब जल्द ही सच होंगे
ख्वाबों के बाद अब तुम हकीकत में दस्तक दोगे
आज तुम ख्वाबों में आये थे
सुबह के ख्वाबों में
सुना है सुबह के ख्वाब हकीकत बयां करते है
ये ख्वाब जल्द ही सच होंगे
ख्वाबों के बाद अब तुम हकीकत में दस्तक दोगे
महसूस हुआ आज
मानों सदियों की खामोशी टूट गई हो
मानों इन्तज़ार की घड़ियाँ अब खत्म होने को है
ये धूप आज चिलचिला नहीं रही
मानों सदियों की खामोशी टूट गई हो
मानों इन्तज़ार की घड़ियाँ अब खत्म होने को है
ये धूप आज चिलचिला नहीं रही
बल्कि मेरी खुशी में खिलखिला उठी है
क्यूँकि तुम जल्दी लौटकर आने वाले हो...
क्यूँकि तुम जल्दी लौटकर आने वाले हो...